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Tuesday, 14 November 2023


मैं अकेला तुम अकेले


मैं हूं जब तक

है तभी तक

ये हसीन दुनिया

मरने के बाद

वादा रहा

इसे देखने ना आऊंगा


सांसे है जब तक

है तभी तक

इन हवाओं में मेरी चर्चा

जब मैं ही नहीं

किसे याद रहेगा

मेरा अफसाना


चलो छोड़ो ये किस्सा

फिर से वो खेल खेले

जहां तुम्हीं थे हारे

तुम्हीं थे जीते


जब तक रवानगी रही नसो में 

वह खेल चला

फिर किसे याद रहा

कौन था जीता

कौन था हारा


चलो छोड़ो ये किस्सा

फिर से वो खेल खेले

मैं अकेला

तुम अकेले

8 comments:

  1. वाह | शुभकामनाएं दीप पर्व की |

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    1. धन्यवाद आपका

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  2. शानदार रचना

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  3. वह भी अकेला था इसलिए यह संसार रचा

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