# किसी का दोष नहीं #
तुझसा ना होने का अफ़सोस नहीं
तू क़ातिल है, कोई सरफ़रोश नहीं
नज़रंदाज हो रहे गुनाह तेरे अबतक
बेपरवाह है तू, ज़माना ख़ामोश नहीं
और दिखा तू ज़ुल्म का जलवा हमें
बदहवास हुई है आहें, मदहोश नहीं
चीख़ें ख़ुदबख़ुद दब गई टीलों में रेत के
तूफ़ाँ, दरिया, लहरें किसी का दोष नहीं
मज़ा आ रहा देख मंज़र तेरे कारनामों का
खुले राज सभी, आया फिर भी होश नहीं
मुक़र गए ग़वाह सभी, तेरे ज़ुर्म के
ख़ौफ़ है तेरी हुकूमत का, तू निर्दोष नहीं
समझ रहा कि दुनिया दामन में है तेरे
परिंदे हैं, रहते किसी के आग़ोश नहीं
तुझसा ना होने का अफ़सोस नहीं
तू क़ातिल है, कोई सरफ़रोश नहीं
नज़रंदाज हो रहे गुनाह तेरे अबतक
बेपरवाह है तू, ज़माना ख़ामोश नहीं
और दिखा तू ज़ुल्म का जलवा हमें
बदहवास हुई है आहें, मदहोश नहीं
चीख़ें ख़ुदबख़ुद दब गई टीलों में रेत के
तूफ़ाँ, दरिया, लहरें किसी का दोष नहीं
मज़ा आ रहा देख मंज़र तेरे कारनामों का
खुले राज सभी, आया फिर भी होश नहीं
मुक़र गए ग़वाह सभी, तेरे ज़ुर्म के
ख़ौफ़ है तेरी हुकूमत का, तू निर्दोष नहीं
समझ रहा कि दुनिया दामन में है तेरे
परिंदे हैं, रहते किसी के आग़ोश नहीं
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